Rowdy rathore
प्रभुदेवा ‘वांटेड’ के रूप में दक्षिण भारतीय फिल्म का सफल हिंदी संस्करण बना चुके हैं। कहानी ऐसी चुनी गई जिस पर तेलुगु, तमिल और कन्नड़ में फिल्में बनीं और सुपरहिट भी रहीं। इस तरह ‘राउडी राठौर’ का जन्म हुआ।
वैसे भी इस समय हिंदी भाषी दर्शकों को साउथ की फिल्मों के रीमेक बड़े पसंद आ रहे हैं। दक्षिण की फिल्मों का ड्रामेटिक अंदाज और लाउडनेस खासकर आम दर्शकों को अच्छे लगने लगे हैं। इसलिए राउडी राठौर में भले ही मुंबई और बिहार के गांव की कहानी बताई गई है, लेकिन ऐसा लगता है कि हम दक्षिण भारत का ही कोई शहर या गांव देख रहे हैं।
कलाकारों की एक्टिंग, ड्रेस से लेकर तो गानों, बैकग्राउंड म्यूजिक, एक्शन और डांस तक लाउड हैं। परपल और पिंक कलर की पेंट में अक्षय कुमार को आपने शायद ही पहले कभी देखा हो। लेकिन ये सब बातें इसलिए नहीं अखरती क्योंकि फिल्म में मनोरंजन के सारे मसाले मौजूद हैं।
कुछ जगह जरूर फिल्म खींची हुई लगती है, झोल खाती है, लेकिन ऐसे पल कम आते हैं। दरअसल फिल्म के निर्देशक प्रभुदेवा ने फिल्म की गति इतनी तेज रखी है और हर फ्रेम में एंटरटेनमेंट को इतना ज्यादा महत्व दिया है कि दर्शकों को सोचने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता है।
राउडी राठौर की कहानी में कोई नयापन नहीं है, लेकिन वे सारे मसाले हैं जो दर्शकों को पसंद हैं। शिव (अक्षय कुमार) एक चोर है। रेलवे की घड़ी, एसटीडी बूथ और यहां तक कि एटीएम भी वह चुराकर घर ले आया है। वैसे भी इस समय हिंदी भाषी दर्शकों को साउथ की फिल्मों के रीमेक बड़े पसंद आ रहे हैं। दक्षिण की फिल्मों का ड्रामेटिक अंदाज और लाउडनेस खासकर आम दर्शकों को अच्छे लगने लगे हैं। इसलिए राउडी राठौर में भले ही मुंबई और बिहार के गांव की कहानी बताई गई है, लेकिन ऐसा लगता है कि हम दक्षिण भारत का ही कोई शहर या गांव देख रहे हैं।
कलाकारों की एक्टिंग, ड्रेस से लेकर तो गानों, बैकग्राउंड म्यूजिक, एक्शन और डांस तक लाउड हैं। परपल और पिंक कलर की पेंट में अक्षय कुमार को आपने शायद ही पहले कभी देखा हो। लेकिन ये सब बातें इसलिए नहीं अखरती क्योंकि फिल्म में मनोरंजन के सारे मसाले मौजूद हैं।
कुछ जगह जरूर फिल्म खींची हुई लगती है, झोल खाती है, लेकिन ऐसे पल कम आते हैं। दरअसल फिल्म के निर्देशक प्रभुदेवा ने फिल्म की गति इतनी तेज रखी है और हर फ्रेम में एंटरटेनमेंट को इतना ज्यादा महत्व दिया है कि दर्शकों को सोचने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता है।
राउडी राठौर की कहानी में कोई नयापन नहीं है, लेकिन वे सारे मसाले हैं जो दर्शकों को पसंद हैं। शिव (अक्षय कुमार) एक चोर है। रेलवे की घड़ी, एसटीडी बूथ और यहां तक कि एटीएम भी वह चुराकर घर ले आया है। कलाकारों की एक्टिंग, ड्रेस से लेकर तो गानों, बैकग्राउंड म्यूजिक, एक्शन और डांस तक लाउड हैं। परपल और पिंक कलर की पेंट में अक्षय कुमार को आपने शायद ही पहले कभी देखा हो। लेकिन ये सब बातें इसलिए नहीं अखरती क्योंकि फिल्म में मनोरंजन के सारे मसाले मौजूद हैं।
कुछ जगह जरूर फिल्म खींची हुई लगती है, झोल खाती है, लेकिन ऐसे पल कम आते हैं। दरअसल फिल्म के निर्देशक प्रभुदेवा ने फिल्म की गति इतनी तेज रखी है और हर फ्रेम में एंटरटेनमेंट को इतना ज्यादा महत्व दिया है कि दर्शकों को सोचने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता है।
राउडी राठौर की कहानी में कोई नयापन नहीं है, लेकिन वे सारे मसाले हैं जो दर्शकों को पसंद हैं। शिव (अक्षय कुमार) एक चोर है। रेलवे की घड़ी, एसटीडी बूथ और यहां तक कि एटीएम भी वह चुराकर घर ले आया है। कुछ जगह जरूर फिल्म खींची हुई लगती है, झोल खाती है, लेकिन ऐसे पल कम आते हैं। दरअसल फिल्म के निर्देशक प्रभुदेवा ने फिल्म की गति इतनी तेज रखी है और हर फ्रेम में एंटरटेनमेंट को इतना ज्यादा महत्व दिया है कि दर्शकों को सोचने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता है।
राउडी राठौर की कहानी में कोई नयापन नहीं है, लेकिन वे सारे मसाले हैं जो दर्शकों को पसंद हैं। शिव (अक्षय कुमार) एक चोर है। रेलवे की घड़ी, एसटीडी बूथ और यहां तक कि एटीएम भी वह चुराकर घर ले आया है। राउडी राठौर की कहानी में कोई नयापन नहीं है, लेकिन वे सारे मसाले हैं जो दर्शकों को पसंद हैं। शिव (अक्षय कुमार) एक चोर है। रेलवे की घड़ी, एसटीडी बूथ और यहां तक कि एटीएम भी वह चुराकर घर ले आया है।